लखनऊ : चीन के वुहान से शुरू हुई कोविड-19 महामारी अब तक करोड़ो लोगों को अपना शिकार बना चुकी है वहीँ लाखो लोगों ने इसकी चपेट में आकर अपनी जान गवाई है. हालांकि महामारी पर काबू पाने के लिए कई देश वैक्सीन बनाने के काम में जुट गए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस से मानव शरीर को बचा सकती है.
इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने एक वर्चुअल ब्रीफिंग को संबोधित करते समय चेतावनी देते हुए कहा है कि ‘हो सकता है कि कोरोना वायरस की रामबाण दवा शायद कभी ना मिले और अगर मिल भी जाती है तो शायद ये कोरोना का रामबाड इलाज न साबित हो.’
गेब्रियेसस ने कहा ‘कई वैक्सीन अभी अपने तीसरे चरण के ट्रायल में हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसकी प्रभावी वैक्सीन मिल जाए जो लोगों को संक्रमण से बचा सके. फिलहाल अभी इसका कोई रामबाण इलाज नहीं है और हो सकता है कि ये कभी ना मिले.’
दुनिया भर में जारी वैक्सीन की खोज पर गेब्रियेसस ने कहा, ‘ऐसी आशंकाएं जताई जा रहीं हैं कि हो सकता है कि हमें कोई कारगर वैक्सीन ना मिले या फिर ये बस कुछ महीने के लिए ही काम करे. जब तक हम क्लिनिकल ट्रायल पूरा नहीं कर लेते, हमें इसके बारे में कुछ नहीं पता चल सकता.’
WHO प्रमुख ने लोगों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने, हाथ धोने और टेस्ट कराने जैसे उपायों को जारी रखने का आग्रह किया. कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रयान ने कहा कि ‘भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक सशक्त योगदान दे रहा है.’