सोमवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में अब पुलिस कमिश्नर होंगे। सुजीत पाण्डेय लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर होंगे। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह होंगे। इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 50 सालों से बेहतर और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी। हमारी कैबिनेट ने ये प्रस्ताव पास कर दिया है।
सीएम योगी ने कहा कि एडीजे स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त होंगे, जबकि 9 एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। उन्होंने कहा कि एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी महिला सुरक्षा के लिए इस सिस्टम में तैनात होगी। उन्होंने कहा, 15 राज्यों में पुलिस कमिश्नर हैं। लखनऊ में दो थाने बढ़ाए गए हैं। अब यहां 40 थाने हो गए हैं। कानून व्यवस्था में सुधार के लिए फैसला लिया गया है।
निर्भया फंड का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि काफी पहले से अलग-अलग संस्थाएं इसके लिए सुझाव दे रही थीं। कई बार न्यायपालिका हमें इस बात के लिए कटघरे में खड़ी भी करती थी। वर्षों से मांग थी कि यहां पुलिस आयुक्त की प्रणाली लागू हो। पहले यह लागू नहीं हो पाया। मुझे अब प्रसन्नता है कि लखनऊ और नोएडा पुलिस आयुक्त प्रणाली के लिए हमारी कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। इस प्रणाली के तहत एसपी, एडिशनल एसपी रैंक का अधिकारी यातायात के लिए विशेष रूप से तैनात होगा। निर्भया फंड का इस्तेमाल भी इस सिस्टम में महिला सुरक्षा के लिए होगा।
मजिस्ट्रेट स्तर की शक्ति
पुलिस कमिश्नरी प्रणाली में उप पुलिस अधीक्षक (डिप्टी एसपी) से ऊपर जितने अधिकारी होते हैं, उनके पास मजिस्ट्रेट स्तर की शक्ति होती है। मगर, थानाध्यक्ष और सिपाही को वही अधिकार रहेंगे, जो उन्हें फिलहाल मिले हुए हैं। कहीं विवाद या बड़े बवाल जैसी घटना होती है तो जिलाधिकारी के पास ही भीड़ नियंत्रण और बल प्रयोग करने का अधिकार होता है, मगर कमिश्नरी लागू होने पर इसका अधिकार पुलिस के पास होगा। इसके साथ ही शांति व्यवस्था के लिए धारा-144 लागू करने का अधिकार भी कमिश्नर को मिल जाएगा।
पुलिस आयुक्त प्रणाली के बारे में-
डीआईजी रैंक के अधिकारी कमिश्रर बनेंगे।
महिला सुरक्षा के लिए महिला अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।
महिला एसपी, एएसपी रैंक की अधिकारी तैनात होंगी।
पुलिस अधिकारियों के पास मजिस्ट्रेट की तरह पावर होगी।
10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर पर लागू होगा प्रस्ताव।
लखनऊ में 40 लाख और नोएडा में 25 लाख से ज्यादा आबादी।
लखनऊ में दो थाने बढ़ाए गए, अब यहां 40 थाने हो गए हैं।
नोएडा में दो और नए थाने बनाए जाएंगे।
देश के 15 राज्यों में पुलिस कमिश्नर का सिस्टम लागू है।