लखनऊ : अस्पतालों में इजाल के लिए कोरोना टेस्ट को प्राथमिकता दी जा रही है. अभी तक मरीजों को कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के लिए ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और संस्थानों में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के लिए मरीजों को अब 1500 रुपये की बजाय सिर्फ 600 रुपये शुल्क देना होगा.
इतना ही नहीं, थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के मरीजों की यह जांच मुफ्त में की जाएगी. साथ ही डायलिसिस और कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों के मरीज और उसके एक तीमारदार की जांच अब केवल 300 रुपये में होगी. दरअसल ऐसे मरीजों को सप्ताह में दो बार आना होता है इसी कारण उन्हें ज्यादा छूट दी गई है. चिकित्सा शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने गुरुवार को यह आदेश जारी कर दिया. इस फैसले से केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान में इलाज के लिए आ रहे हजारों मरीजों को राहत मिलेगी.
सरकारी अस्पतालों के बाद निजी अस्पतालों ने भी पोस्ट कोविड ओपीडी शुरू कर दी है. फिलहाल इसकी पहल अपोलो मेडिक्स अस्पताल ने की है. अस्पताल प्रबंधन ने इसे रिकवर क्लिनिक नाम दिया है. अस्पताल के प्रबंध निदेशक मयंक सोमानी ने बताया कि इसमें मेडिसिन, डायटिशन, पल्मोनरी समेत कई डॉक्टरों का पैनल होगा. यहां मरीज सामान्य ओपीडी फीस देकर एक ही जगह पर सभी विशेषज्ञों को दिखा सकेंगे.