नई दिल्ली : देश में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने इस साल से किसान रेल की शुरुआत कर दी है. इस ट्रेन का इस्तेमाल फलों-सब्जियों जैसे अन्य आइटम की आवाजाही के लिए किया जाएगा जो जल्दी खराब हो जाते हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलवे मिनिस्टर पीयूष गोयल ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई है. इस अवसर पर महाराष्ट्र के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री छगन भुजबल भी उपस्थित थे. अभी ऐसी पहली ट्रेन महाराष्ट्र से बिहार तक के लिए चल रही है.
साप्ताहिक आधार पर चेलेगी ये ट्रेन
बता दें कि ये ट्रेन सुबह 11 बजे महाराष्ट्र के देवलाली स्टेशन से रवाना हुई और बिहार के दानापुर स्टेशन तक जाएगी. जो की एक साप्ताहिक आधार पर चेलेगी. दरअसल ये ट्रेन 1,519 किलोमीटर का सफर तय करते हुए अगले दिन करीब 32 घंटे बाद शाम 06:45 बजे दानापुर (बिहार) पहुंचेगी. ये ट्रेन नासिक रोड, मनमाड, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज, छयुंकी, पं दीनदायल उपाध्यायनगर और बक्सर में रुकेगी.
किसानों की आय बढ़ाकर दो गुनी करने का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय बढ़ाकर दो गुनी करने की है. इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर ये ट्रेन चलाई जा रही है. इस ट्रेन से जल्दी खराब होने वाले फलों और सब्जियों जैसे उत्पाद को मंडियों तक तेजी से पहुचानें में सहायता मिलेगी. इस ट्रेन में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था भी होगी, जिससे दूध, मछली, मीट जैसे उत्पादों को बिना खराब हुए तेजी से देश के एक भाग से दूसरे भाग तक भेजा जा सकेगा. इससे जल्दी खराब होने वाली चीजों के लिए देश भर में एक तरह की कोल्ड सप्लाई चेन बनाने में सहायता मिलेगी. एयरकंडीशनिंग की सुविधा के साथ फल एवं सब्जियों को लाने ले जाने की सुविधा का प्रस्ताव पहली बार 2009-10 के बजट में उस समय रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने किया था, लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो सकी.
गौरतलब है कि सेंट्रल रेलवे का भुसावल डिवीजन प्राथमिक तौर पर कृषि आधारित डिवीजन है और नासिक तथा इसके आसपास के इलाकों में बड़ी मात्रा में ताजी सब्जियों, फलों, फूल, प्याज तथा अन्य कृषि उत्पादों का उत्पादन होता है. इन उत्पादों को यदि ठीक से रख-रखाव नहीं हो तो ये जल्दी खराब हो जाते हैं. ये कृषि उत्पाद नासिक के इन इलाकों से बिहार में पटना, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, मध्य प्रदेश के कटनी, सतना तथा अन्य क्षेत्रों को भेजे जाते हैं.