हाथरस : यूपी के हाथरस में 20 साथ की युवती से हुए दरिंदगी के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मंगलवार को दावा किया कि हाथरस में 19 साल की युवती के साथ रेप नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई थी. फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ जाहिर होता है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ.
गलत जानकारी फैलाने वालों पर लिया जाएगा एक्शन
प्रशांत कुमार ने कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार, विक्टिम के शरीर में वीर्य (सीमेन) की कोई उपस्थिति नहीं पाई गई. यानी विक्टिम के साथ रेप नहीं किया गया. उन्होंने ये भी कहा कि जिन लोगों ने जाति के आधार पर लोगों के बीच घृणा फैलाने की कोशिश में गलत जानकारी फैलाई, उन पर एक्शन लिया जाएगा.
साथ ही उन्होंने बताया कि वारदात के बाद युवती ने पुलिस को दिए बयान में भी खुद के साथ बलात्कार की बात नहीं कही थी. उन्होंने कहा कि उसने अपराधियों पर सिर्फ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि माहोल को बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने हाथरस मामले में तुरंत कार्रवाई की और अब हम उन लोगों की पहचान करेंगे जिन्होंने माहौल खराब करने और प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश की.’
मामले की जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल का गठन
अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल गठित किया. उन्होंने कहा कि इस घटना में जो लोग भी शामिल हैं उन्हें कतई बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, ‘मेडिकल रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार के खिलाफ गलत बयानी की गई और पुलिस की छवि को खराब किया गया. हम पड़ताल करेंगे कि यह सब किसने किया. यह एक गंभीर मामला है और सरकार तथा पुलिस महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर बेहद संजीदा है.’