New Delhi. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एंट्रिक्स-देवास सौदे को लेकर मंगलवार को एक प्रेस वार्ता की। जिसमें उन्होंने बताया कि मैं देवास-एंट्रिक्स मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बात करना चाहती हूं। सुप्रीम कोर्ट ने व्यापक आदेश दिया है। UPA(संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) ने 2011 में यह सौदा रद्द कर दिया था। यह धोखाधड़ी का सौदा था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 2011 में जब इसे रद्द किया गया तब देवास अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में चला गया। भारत सरकार ने मध्यस्थता के लिए नियुक्ति नहीं की, 21 दिनों के भीतर मध्यस्थता के लिए नियुक्ति के लिए कहा गया, लेकिन सरकार ने नियुक्ति नहीं की।
वित्तमंत्री ने आगे कहा, प्राइमरी वेवलेंथ, सैटेलाइट या स्पेक्ट्रम बैंड की बिक्री करके इसे निजी पार्टियों को देना और निजी पार्टियों से पैसा कमाना कांग्रेस सरकार की विशेषता रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पता चलता है कि कैसे यूपीए सरकार ग़लत कामों में लिप्त थी। एंट्रिक्स-देवास सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ था। अब कांग्रेस पार्टी की बताना चाहिए कि भारत के लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी कैसे की गई।