नई दिल्ली : कोरोना वायरस के घटते मामले पर पाकिस्तान की WHO (World Health Organisation) से लेकर UN (United Nation) तक खूब प्रशंसा हो रही है. साथ ही देश में संक्रमण से मरने वालों की संख्या में भी भारी गिरावट देखने को मिली है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने खुद स्वीकार किया है. इमरान सरकार ने कोरोना नियंत्रण मामले को भुनाने में अब तक कोई कसर नहीं छोड़ी है.
‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेमेटोलॉजी’ की डॉक्टर्स समरीन कुसुम ने सभी दावों की पोल खोलते हुए सरकार को बेनकाब कर दिया है. डॉ. समरीन ने पकिस्तान में कोरोना के मामले घटने की असली वजह का खुलासा दुनिया के सामने किया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में कोविड-19 के मामलों में भारी कमी की वजह है लोगों में हर्ड इम्यूनिटी डेवलपमेंट है.
डॉ. समरीन ने बताया कि जुलाई 2020 तक कराची की 40 फीसदी आबादी संक्रमित थी, हालांकि इनमें से 90 फीसदी लोगों में बीमारी के लक्षण नहीं थे. पाक में लोगों का रेस्पिरेटरी इम्यून सिस्टम काफी ज्यादा मजबूत है. सामान्य लोगों की इम्यूनिटी सुधरने की वजह से वायरस से नुकसान में काफी कमी आई है. अब कोरोना की गति धीमी पड़ चुकी है.
डॉ. समरीन ने दावा किया है कि यदि पाकिस्तान में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आती है और पाक में 60-70 प्रतिशत लोग इम्यूनिटी डेवलप कर लेते हैं तो कोरोना वायरस की दूसरी संभावित लहर से देश सुरक्षित रहेगा. इसके बाद वैक्सीन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.