नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के वायरल विडियो के मामले ने पूरे सूबे के पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है। शुक्रवार सुबह खुद यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले पर रुख स्पष्ट किया। लखनऊ में मीडिया से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि इस मामले में जांच के लिए एडीजी मेरठ को 15 दिन का और वक्त दिया गया है। इसके साथ ही यूपी के पुलिस चीफ ने कहा कि एसएसपी नोएडा से पूछा जाएगा कि उन्होंने गोपनीय दस्तावेज क्यों वायरल किए।
डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ में कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘विडियो क्लिप वायरल हुआ है। जिसके संबंध में एसएसपी नोएडा ने मुकदमा दर्ज कराया है। एसएसपी नोएडा ने गोपनीय दस्तावेज भेजे थे। जब हम लोगों को संज्ञान में आया तो निष्पक्षता के आधार पर केस हापुड़ ट्रांसफर कर दिया। एसपी हापुड़ इस मामले की जांच कर रहे हैं। आईजी मेरठ जोन इस मामले को नजदीकी से देखेंगे। एडीजी मेरठ से जांच करने को कहा गया है। एडीजी मेरठ ने जांच के लिए और समय मांगा है। हमने 15 दिन का और समय दिया है।’
UP DGP OP Singh on reports that SSP Gautambudhnagar wrote letter alleging some senior police officials are involved in transfer racket: We are looking into this whole matter,but this is an unauthorized communication by SSP, its violation of service rules.IG Meerut looking into it pic.twitter.com/rgrj1lRB2E
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 3, 2020
SSP वैभव कृष्ण पर सवाल, क्यों वायरल किए गए पत्र?
डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एएससपी नोएडा से भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है कि आखिर गोपनीय पत्र वायल क्यों किए गए। डीजीपी ने कहा, ‘गोपनीय दस्तावेज को वायरल करना गैरकानूनी है। गोपनीय दस्तावेज के साथ ऑडियो क्लिप भी था। एएसपी से हम पूछेंगे कि क्यों दस्तावेज को वायरल किया गया।’
IPS ने 5 अफसरों पर लगाया था साजिश का आरोप
गौरतलब है कि वैभव ने बुधवार को आरोप लगाया था कि उन्होंने पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ सीएम ऑफिस, डीजीपी व अपर मुख्य सचिव (गृह) को करीब एक महीना पहले गोपनीय जांच रिपोर्ट भेजी थी। तबसे एक बड़ी लॉबी उनके खिलाफ साजिश रच रही है और फेक विडियो इसी का हिस्सा है। मीडिया के जरिए मामला संज्ञान में आने के बाद सीएम ने अपने दफ्तर, अपर मुख्य सचिव (गृह) व डीजीपी से गोपनीय रिपोर्ट पर जानकारी मांगी है।