चित्रकूट : हाथरस कांड के बाद उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में एक गैंगरेप पीड़िता जिंदगी की जंग हार गई. 15 साल की दलित ने गैंगरेप की घटना से आहत होकर अपने घर के अंदर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि एफआईआर दर्ज न होने के चलते लड़की परेशान थी, जिसके चलते उसने अपनी जान दे दी. वहीँ परिवार के आरोपों के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. जिसके बाद नेताओं का गांव आना जाना शुरू हो गया है. आज पीड़िता का अंतिम संस्कार है, जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने पीड़िता के गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है.
जानकारी के अनुसार चित्रकूट के एसपी अंकित मित्तल ने कहा कि 15 साल की लड़की ने मणिकपुर इलाके में अपने घर के अंदर ही मंगलवार 13 अक्टूबर को फांसी लगा ली. एसपी ने कहा कि लड़की की मौत के बाद परिवार ने आरोप लगाया कि उसके साथ तीन लोगों ने जंगल में 8 अक्टूबर को गैंगरेप किया था.
एसपी ने बताया कि पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. तीनों आरोपियों किशन उपाध्याय, आशीष और सतीश को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी किशन उपाध्याय गांव के ही प्रधान का बेटा है. पुलिस ने बताया कि ये गिरफ्तारी पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत की गई है. परिवार का आरोप है कि लड़की ने अपनी जान इसलिए दी क्योंकि उसकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी. परिवार ने ये भी आरोप लगाया है कि रेप के बाद आरोपी लड़की के हाथ-पैर बांधकर फरार हो गए थे और पुलिस ही उसे घर लेकर आई लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की.