राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लखनऊ में ‘डॉ भीमराव अंबेडकर स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत अन्य भाजपा नेता मोजूद रहे। वहीं यूपी सरकार के इस कदम से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती खासा नाराज है। उन्होंने योगी सरकार के इस आयोजन को विधान सभा चुनाव से पहले की गई नाटकबाजी करार दिया है।
मायावती ने कहा, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व उनके करोड़ों शोषित-पीड़ित अनुयाइयों का सत्ता के लगभग पूरे समय उपेक्षा व उत्पीड़न करते रहने के बाद अब विधानसभा चुनाव के नजदीक यूपी भाजपा सरकार द्वारा बाबा साहेब के नाम पर ’सांस्कृतिक केन्द्र’ का शिलान्यास करना यह सब नाटकबाजी नहीं तो और क्या है? बीएसपी परमपूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर कोई केन्द्र आदि बनाने के खिलाफ नहीं है, परन्तु अब चुनावी स्वार्थ के लिए यह सब करना घोर छलावा। यूपी सरकार अगर यह काम पहले कर लेती तो मा. राष्ट्रपति जी आज इस केन्द्र का शिलान्यास नहीं बल्कि उदघाटन कर रहे होते तो यह बेहतर होता।
बसपा सुप्रीमो ने कहा, वैसे इस प्रकार के छलावे व नाटकबाजी के मामले में चाहे बीजेपी की सरकार हो या सपा अथवा कांग्रेेस आदि की, कोई किसी से कम नहीं, बल्कि दलितों व पिछड़ों आदि का हक मारने व उनपर अन्याय-अत्याचार आदि के मामले में वे एक ही थैली के चट्टेे-बट्टे हैं, जो सर्वविदित है तथा यह अति दुःखद।
इसी का परिणाम है कि दलित व पिछड़ों के लिए आरक्षित लाखों सरकारी पद अभी भी खाली पड़े हैं तथा इनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर यूपी में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित विश्वस्तरीय भव्य स्थलों व पार्कों आदि की घोर उपेक्षा पिछले सपा शासनकाल से ही लगातार जारी है जो अति-निन्दनीय।