पटना : सदियों की ठण्डी-बुझी राख सुगबुगा उठी, मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है, दो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। कवि रामधारी सिंह दिनकर ने ये पंक्तियाँ यूं ही नहीं लिखी थीं, इन पंक्तियों के मायने आज के राजनीतिक परिवेश में सटीक बैठते हैं। जब भोली भाली जनता को नेता मंत्री वोट के नाम पर सिर्फ खोखले वादे और दावे करके सिर्फ और सिर्फ अपना उल्लू सीधे करते हैं।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। ऐसे में कुर्था से सत्ताधारी दल के विधायक सत्यदेव कुशवाहा को उनके ही क्षेत्र में जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा। यहां एक शख्स ने नेता जी की कायदे से व्हाट लगा दी और नेता जी खिसियाते हुए वहाँ से निकल गए। विधायक सत्यदेव कुशवाहा क्षेत्र भ्रमण के दौरान जनता से विकास के नाम पर वोट मांगने पहुंचे थे।
लेकिन जनता के आक्रोश के आगे हालात ऐसे थे कि विधायक के मुंह से कोई शब्द नहीं फूट रहे थे और भोली भाली जनता का गुस्सा बढ़ते देख विधायक ने खिसियाते हुए वहां से निकल जाने में ही अपनी भलाई समझी, क्योंकि शायद उन्हें पता चल गया कि यहां से निकल लो कि जनता आती होगी।