नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन किए जाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) देश है. पीएम मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखकर प्रधानमंत्री कार्यालय की शपथ का उल्लंघन किया है. यह लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की हार और हिंदुत्व की सफलता का दिन है.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं भावुक हूं. मैं कहना चाहता हूं कि मैं भी उतना ही भावुक हूं क्योंकि मैं सह-अस्तित्व और नागरिकता की समानता में विश्वास करता हूं. प्रधानमंत्री, मैं भावुक हूं क्योंकि एक मस्जिद 450 साल से वहां खड़ी थी.”
The Prime Minister today said he was emotional. I want to say that I am also equally emotional because I believe in coexistence and equality of citizenship. Mr Prime Minister, I am emotional because a mosque stood there for 450 years: AIMIM chief Asaduddin Owaisi https://t.co/2nUjt9IKCk
— ANI (@ANI) August 5, 2020
वहीँ बुधवार को हुए भूमि पूजन के अवसर पर लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) के प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने बाबरी मस्जिद को याद किया है. 1528 में अयोध्या में मुगल सम्राट बाबर ने मस्जिद की नींव रखी थी, जिसे 1992 में 6 दिसंबर के दिन राम मंदिर आंदोलन के तहत कारसेवकों ने मस्जिद पर चढ़कर इसकी गुंबद गिरा दी थी. ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी.’
#BabriMasjid thi, hai aur rahegi inshallah #BabriZindaHai pic.twitter.com/RIhWyUjcYT
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 5, 2020
ओवैसी ने पिछले कुछ दिनों में भूमि पूजन की खबरों पर लगातार अपना विरोध जताया है. पिछले हफ्ते उन्होंने बाबरी विध्वंस के लिए कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि ‘जिसका हक़ बनता है, उसे क्रेडिट दिया जाना चाहिए. आखिर वो राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने बाबरी मस्जिद का ताला खोला था और वो पीवी नरसिम्हा राव ही थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए ये पूरा विध्वंस देखा था. कांग्रेस संघ परिवार के साथ विध्वंस के इस अभियान में हाथ में हाथ डाले खड़ी रही.’