चंडीगड़ : मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन के बाद भी बिल को मंजूरी मिल गई. किसानों के साथ मिलकर विपक्ष भी आंदोलन कर रहा है. बिल का विरोध करते हुए शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
वहीँ अब बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए भारतीय जनता पार्टी के 22 साल पुराने गठबंधन सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अपने सारे नातों को ख़तम करने का ऐलान कर दिया है. अकाली दल ने कहा है कि शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से भाजपा के नेतृत्व वाली #NDA से बाहर निकलने का फैसला किया है क्योकि एमएसपी (Minimum support price) पर किसानों के उत्पाद की मार्केटिंग सुनिश्चित करने के अधिकार की रक्षा के लिए वैधानिक विधायी गारंटी देने से केंद्र सरकार ने मना कर दिया.
Shiromani Akali Dal core committee decides unanimously to pull out of the BJP-led #NDA because of the Centre’s stubborn refusal to give statutory legislative guarantees to protect assured marketing of crops on #MSP and its continued insensitivity to Punjabi and #Sikh issues. pic.twitter.com/WZGy7EmfFj
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) September 26, 2020
इसके कारण बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला करना पड़ा. पंजाबी और सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता को देखते हुए ये फैसला किया गया है. जानकारी के अनुसार बीते दिनों अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की कोर कमेटी में शामिल वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी जिसमें इस इन फैसलो पर चर्चा हुई थी.
इससे पहले सुखबीर सिंह बादल कहा कहना था कि पार्टी पद से इस्तीफे ने मोदी सरकार को हिला कर रख दिया है. वहीँ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली दल के इस फैसले को राजनीतिक मजबूरी बताते हुए आखिरी फैसला बताया. सीएम अमरिंदर ने कहा कि किसान बिल पर आलोचना के बाद इनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था.