12 दिन बाद PLA ने भारत को सौंपे 5 युवक, 14 दिनों के लिए क्वारेंटीन

12 दिन बाद PLA ने भारत को सौंपे 5 युवक, 14 दिनों के लिए क्वारेंटीन
ईटानगर : लद्दाख पर तनाव के बीच 2 सितंबर को लापता हुए 5 युवकों को पीपल्स लिब्ररेशन आर्मी (PLA) ने भारत को सौंप दिया है. 5 सितंबर को अरुणाचल के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग ने मामले का खुलासा करते हुए ट्विटर पर चीनी सेना की ओर से 5 लोगों के अगवा किए जाने का दावा किया था. उन्होंने लड़कों के नाम टोक सिंग्काम, प्रसात रिंगलिंग, दोंग्तु इबिया, तानु बेकर और नागरू दिरि बताए थे. एरिंग ने कहा था कि चीन के सैनिकों ने नाछो कस्बे में रहने वाले पांच लड़कों को अगवा किया है.
SHOCKING NEWS: Five people from Upper Subansiri district of our state Arunachal Pradesh have reportedly been ‘abducted’ by China’s People’s Liberation Army (PLA).
Few months earlier,a similar incident happened. A befitting reply must be given to #PLA and #CCPChina. @PMOIndia https://t.co/8gRdGsQfId pic.twitter.com/KbDMJ3bUi2
— Ninong Ering (@ninong_erring) September 4, 2020
करीब 12 दिन बाद हुई वापसी
साथ ही उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अपील की थी कि पांचों लड़कों की सुरक्षित वापसी होनी चाहिए. करीब 12 दिन बाद हुई वापसी के बाद सेना ने बताया कि युवकों को भारत को सौपनें की यह कार्रवाई किबिधू सीमा में पूरी की गई.
एक घंटे तक चली कागजी कार्रवाई के बाद इन सभी को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 14 दिन के लिए क्वारेंटीन कर दिया गया है. इसके बाद इन्हें इनके परिवार को सौंपा जाएगा. इससे पहले चीन के सरकारी मीडिया ने दावा किया था कि वे सभी भारतीय सेना के जासूस हैं.
केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने दी जानकारी
इनके लापता होने के बाद भारतीय सैनिक लगातार पीएलए पर उन्हें रिहा करने का दबाव बना रही थी. जिसके बाद 6 सितंबर को भारतीय सैनिक ने हॉटलाइन के ज़रिये उनसे संपर्क किया और लापता युवकों की जानकारी मांगी. लेकिन चीन की पीएलए ने खुद को अनजान बताते हुए इस बात से इनकार कर दिया. इसके पहले केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि चीनी सैन्य अधिकारियों ने युवकों को भारत को सौंपने पर सहमत होने की पुष्टि की है.
इन पांच युवकों में से एक प्रसत रिंगलिंग ने बताया कि भारत-चीन के बीच अच्छी तरह से सीमांकन नहीं किया गया है. ऐसे में हम लोग काफी आगे बढ़ जाते हैं. हमें पता नहीं होता है कि हम किस तरफ हैं. रिंगलिंग ने कहा, ‘कभी-कभी निकल जाता है लोग और पीएलए वाला लेके चला जाता है.’ रिंगलिंग के भाई प्रसाद भी उन लोगों में शामिल हैं, जिनका पीएलए ने अपहरण कर लिया था. उन्होंने हाल ही में हाई स्कूल की परीक्षा को पास किया है. इसके अलावा उनके चचेरे भाई तनु बाकर, गारू डिरी, डोंगटू एबिया और टोच सिंगकाम को भी चीनी सेना उठा ले गई थी.